रोज मेरे साथ चलता था,
ये दर्द
मैंने कहा,
दोस्त बन जाओ मेरे,
बस,
रहो मेरे साथ,
चलो मेरे साथ,
जियो मेरे साथ।
पर,
मेरे वजूद से ज्यादा ताकतवर था,
साथी से स्वामी हो गया,
और अब
मेरे वजूद में एक,
भवंर पैदा
किये रहता है
अच्छी कविता है. शुभकामनाएँ!!
sabd mere hai pr un pr aap apni ray dekr unhe nya arth v de skte hai..
अच्छी कविता है. शुभकामनाएँ!!
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