Friday, November 1, 2019

तुम

सुनो 
सब ने कहा 
कोई गीत लिख दू
तुम्हारे लिए 
कैसे बताऊँ ,
तुम तो मेरे मन का संगीत हो ,
गुनगुनाती हूँ तुम्हें हर दम
चलती तो तुम साथ चलते 
हँसती तो तुम साथ हँसते 
सजती तो तुम श्रींगार बनते 
हाँ 
तुम ही तो हो मुझ में 
मेरे चारों ओर 
तुम्हें देखा कब मैंने 
अलग से ।
जीवन मैं तो जीवन रस तुम 
अब तो बस 
तुम में मैं 
मुझ में तुम ।