ना तेरी मंजिल हूँ
और
ना तेरा रास्ता ।
...: साथ .... ना तेरी मंजिल हूँ और ना तेरा रास्ता । फिर भी तेरी दो दुनियाओ के बीच 'मैं' हूँ । एक से चलकर दूसरी तक पहुचंने का सफ़र ...
साथ ....
ना तेरी मंजिल हूँ
और
ना तेरा रास्ता ।
फिर भी
तेरी दो दुनियाओ के बीच
'मैं' हूँ ।
एक से चलकर दूसरी तक
पहुचंने का सफ़र
तू मेरे साथ ही तय करता है
और
मैं तेरे इस छोटे से 'साथ '
को भी जीती हूँ बरसों .........।