Friday, February 19, 2010

वक़्त

वक़्त ने छोड़ दिया था
जिन हाथो का साथ,
आज वक़्त से लड़कर,
उन्हें जिन्दगी भर का
'हम साथ 'बनाया है

सच

दिल का रेशा -रेशा जो कहता है
वो झूठ है
तेरी आँखे और सांसे
जो कहती है
वो भी एक झूठ है
तो चलो ना
अब
वही मान ले
जो सब ने कहा
कि
यही सच है

Tuesday, February 2, 2010

रंग

जो जगहे,
खाली छोड़ दी थी तुमने,
उन्हें कुछ और रंगों से भर रही हूँ मैं
रंग,
तो तुमने ही भरा था
'सुर्ख सफ़ेद'
सफ़ेद
संभावनाओ का रंग,
कि जो भी चाहो वह रंग भरा जा सके
लोग खुश थे मुझे अपने ही रंगों में रंग कर
और मैं
इठला रही थी
अपनी सफेदी पर,
जिसे सिर्फ और सिर्फ तुम्ही ने
सृजा था