Thursday, July 8, 2010

खालीपन

कुछ भर जाता है वो मुझ में ,

क्या है ये,नही जानती

पर जो भी है वो बूंद -बूंद नही ,

सागर -सागर सा लगता है

7 comments:

  1. achchha hai maidam stri mn sagar jaisa bishal hoti hai sara jahan usi se hai
    arganikbhagyoday.blogspot.com

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  2. कुछ भर जाता है वो मुझ में ,

    क्या है ये,नही जानती

    पर जो भी है वो बूंद -बूंद नही ,

    सागर -सागर सा लगता है

    Bahut sunder.....!!

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  3. पहली बार आपके शब्‍दों व भावों से हाथापाई हुई.
    हमें तो सागर की लहर मात्र ही लगी, बाकी लहरें व पूरा समंदर शायद अभी आना है.
    सुंदर .. शुभकामनाएं!

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  4. सागर सा कुछ भर गया वो मन मे...
    हमेशा की तरह एक अलग हटके कविता..

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  5. बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है

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sabd mere hai pr un pr aap apni ray dekr unhe nya arth v de skte hai..